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नई दिल्ली: साल 2022 में 5.6 लाख से ज्यादा भारतीय ओईसीडी देशों में जाकर बस गए। ओईसीडी देशों में अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे अमीर देश शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर भारतीय काम की तलाश में या फिर परिवार के साथ इन देशों में गए हैं। हालांकि, ओईसीडी देशों में कड़े होते नियमों की वजह से आने वाले समय में भारतीयों के लिए वहां जाना मुश्किल हो सकता है। ओईसीडी (आर्थिक सहयोग और विकास संगठन) के सदस्य ज्यादातर विकसित देश हैं। इनकी अर्थव्यवस्थाएं मजबूत हैं। वे लोकतांत्रिक मूल्यों को मानते हैं। ये देश विश्व अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।लिस्ट में भारतीयों के बाद चीन के लोग
ओईसीडी देशों में जाने वाले लोगों की लिस्ट में भारत सबसे ऊपर है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में चीन से 3.2 लाख लोग ओईसीडी देशों में गए हैं, जो भारत से कम है। OECD देशों में जाने वाले कुल लोगों में से 6.4% भारतीय हैं, जबकि चीनियों की संख्या 3.8% है।
रूस भी ओईसीडी देशों में जाने वालों की लिस्ट में ऊपर आया है। 2022 में 2.6 लाख रूसी ओईसीडी देशों में जाकर बस गए। इससे रूस 18वें नंबर से तीसरे पायदान पर आ गया है। ओईसीडी की इंटरनेशनल माइग्रेशन आउटलुक 2024 रिपोर्ट में ये सारी बातें बताई गई हैं।
किन देशों में जा रहे भारतीय अमीर?
2022 में 1.12 लाख भारतीय ब्रिटेन गए, जो 2021 से दोगुना है। वहीं, 1.25 लाख भारतीय अमेरिका गए जो पिछले साल के मुकाबले 35% ज्यादा है। हालांकि, कनाडा जाने वाले भारतीयों की संख्या में कमी आई है। 2022 में 1.18 लाख भारतीय कनाडा गए जो साल 2021 के मुकाबले 8% कम है।
कोरोना महामारी के बाद से चीन के लोग भी बड़ी संख्या में ओईसीडी देशों में जा रहे हैं। 2022 में 3 लाख से ज्यादा चीनी लोग ओईसीडी देशों में जाकर बस गए, जो 2021 से 13% ज्यादा है। अकेले अमेरिका में ही 68,000 चीनी लोग गए हैं।
रूस और रोमानिया से भी बड़ी संख्या में लोग ओईसीडी देशों में गए हैं। 2022 में दोनों देशों से लगभग 2.7 लाख लोग ओईसीडी देशों में गए। तुर्की, इजरायल और जर्मनी रूस के लोगों की पहली पसंद बने हैं। वहीं, रोमानिया के लोग जर्मनी, स्पेन और इटली जाना पसंद कर रहे हैं।
हालांकि, ओईसीडी देशों में नए लोगों के लिए कड़े नियम बनाए जा रहे हैं। अमेरिका के साथ कनाडा ने भी आने वाले तीन सालों में कम लोगों को अपने देश में बसाने का फैसला किया है। ब्रिटेन ने भी नए नियम बनाए हैं, जिसमें वेतन की सीमा बढ़ाना और कुछ विशेष नौकरियों के लिए ही लोगों को बुलाना शामिल है।
नागरिकता लेने में भी भारतीय सबसे आगे
2022 में 1.9 लाख से ज्यादा भारतीयों ने ओईसीडी देशों की नागरिकता ली है। यह संख्या पिछले साल के मुकाबले 40% ज्यादा है। कनाडा की नागरिकता लेने वाले भारतीयों की संख्या में तीन गुना इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में यह संख्या और बढ़ सकती है।
ओईसीडी देशों की नागरिकता लेने वालों की सूची में सीरिया दूसरे नंबर पर है। 2022 में 1.34 लाख सीरियाई लोगों ने ओईसीडी देशों की नागरिकता ली है। यह पिछले साल के मुकाबले 28% ज्यादा है। तीसरे नंबर पर मोरक्को है। इसके 1.21 लाख लोगों ने स्पेन, इटली और फ्रांस की नागरिकता ली है।
लिस्ट में भारतीयों के बाद चीन के लोग
ओईसीडी देशों में जाने वाले लोगों की लिस्ट में भारत सबसे ऊपर है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में चीन से 3.2 लाख लोग ओईसीडी देशों में गए हैं, जो भारत से कम है। OECD देशों में जाने वाले कुल लोगों में से 6.4% भारतीय हैं, जबकि चीनियों की संख्या 3.8% है।
रूस भी ओईसीडी देशों में जाने वालों की लिस्ट में ऊपर आया है। 2022 में 2.6 लाख रूसी ओईसीडी देशों में जाकर बस गए। इससे रूस 18वें नंबर से तीसरे पायदान पर आ गया है। ओईसीडी की इंटरनेशनल माइग्रेशन आउटलुक 2024 रिपोर्ट में ये सारी बातें बताई गई हैं।
किन देशों में जा रहे भारतीय अमीर?
2022 में 1.12 लाख भारतीय ब्रिटेन गए, जो 2021 से दोगुना है। वहीं, 1.25 लाख भारतीय अमेरिका गए जो पिछले साल के मुकाबले 35% ज्यादा है। हालांकि, कनाडा जाने वाले भारतीयों की संख्या में कमी आई है। 2022 में 1.18 लाख भारतीय कनाडा गए जो साल 2021 के मुकाबले 8% कम है।कोरोना महामारी के बाद से चीन के लोग भी बड़ी संख्या में ओईसीडी देशों में जा रहे हैं। 2022 में 3 लाख से ज्यादा चीनी लोग ओईसीडी देशों में जाकर बस गए, जो 2021 से 13% ज्यादा है। अकेले अमेरिका में ही 68,000 चीनी लोग गए हैं।
रूस और रोमानिया से भी बड़ी संख्या में लोग ओईसीडी देशों में गए हैं। 2022 में दोनों देशों से लगभग 2.7 लाख लोग ओईसीडी देशों में गए। तुर्की, इजरायल और जर्मनी रूस के लोगों की पहली पसंद बने हैं। वहीं, रोमानिया के लोग जर्मनी, स्पेन और इटली जाना पसंद कर रहे हैं।
हालांकि, ओईसीडी देशों में नए लोगों के लिए कड़े नियम बनाए जा रहे हैं। अमेरिका के साथ कनाडा ने भी आने वाले तीन सालों में कम लोगों को अपने देश में बसाने का फैसला किया है। ब्रिटेन ने भी नए नियम बनाए हैं, जिसमें वेतन की सीमा बढ़ाना और कुछ विशेष नौकरियों के लिए ही लोगों को बुलाना शामिल है।
नागरिकता लेने में भी भारतीय सबसे आगे
2022 में 1.9 लाख से ज्यादा भारतीयों ने ओईसीडी देशों की नागरिकता ली है। यह संख्या पिछले साल के मुकाबले 40% ज्यादा है। कनाडा की नागरिकता लेने वाले भारतीयों की संख्या में तीन गुना इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में यह संख्या और बढ़ सकती है।ओईसीडी देशों की नागरिकता लेने वालों की सूची में सीरिया दूसरे नंबर पर है। 2022 में 1.34 लाख सीरियाई लोगों ने ओईसीडी देशों की नागरिकता ली है। यह पिछले साल के मुकाबले 28% ज्यादा है। तीसरे नंबर पर मोरक्को है। इसके 1.21 लाख लोगों ने स्पेन, इटली और फ्रांस की नागरिकता ली है।
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